महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो हर 12 वर्षों में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर आयोजित होता है. इसे हिंदू धर्म में पवित्रता और मोक्ष का पर्व माना जाता है.
महाकुम्भ के अवसर पर त्रिवेणी संगम में स्नान करने के लिए अपने मित्रों के साथ बिहार प्रदेश भाजपा महादलित प्रकोष्ठ के सह संयोजक सचिन राम जी पहुंचे और अपना अनुभव साझा करते हुए बोले कि भारतीय संस्कृति का गुरुत्वाकर्षण केंद्र - महाकुंभ 2025 में संगम में पवित्र स्नान करना एक अद्वितीय अनुभव है. यह न केवल आत्मा की शुद्धि का मार्ग है, बल्कि विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोगों को एक साथ लाकर सामाजिक समरसता का प्रतीक भी है.
यह समय मेरे लिए अविस्मरणीय क्षण है. उन्होंने कहा कि आज की सुबह मेरे जीवन की सबसे खूबसूरत सुबह रही. मैंने संगम में पवित्र डुबकी लगाई जो अपने आप में एक अलौकिक अनुभव था. उन्होंने कहा कि तीर्थराज प्रयागराज व त्रिवेणी संगम की दिव्यता कुछ ऐसी है कि यहां आकर वापस जाने का मन ही नहीं करता.
गौरतलब है कि यह पर्व देवताओं द्वारा अमृत कलश की रक्षा के लिए किए गए समुद्र मंथन की कथा से जुड़ा है. पवित्र नदियों में अमृत की बूंदें गिरने के कारण इन नदियों का महत्व बढ़ गया.ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार, इस समय गंगा और अन्य नदियों का जल अमृत तुल्य हो जाता है.